बिना वन विभाग की एनओसी के रिसोर्ट का हुआ निर्माण
देहरादून।
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- उत्तराखण्ड और घोटालों का चोलीदामन का साथ लगातार बना हुआ है। अब उत्तराखंड वन विभाग में एक और बड़ा घोटाला आजकल फिर से चर्चाओं में है। इस घोटाले की जांच के लिए अब सीबीसीआईडी का सहारा लेने की बात हो रही है।
सीमांत पिथौरागढ़ जिले के मुन्स्यारी ईको टूरिज्म प्रोजेक्ट के तहत बने ईको हट्स, डॉर्मेट्री और ग्रोथ सेंटर जैसे निर्माण कार्यों में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं सामने आई हैं। इस मामले में वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी डॉ. विनय कुमार भार्गव को शासन ने 15 दिन में जवाब देने का नोटिस भेजा है।
प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु की ओर से जवाब तलब करने के साथ सीबीआई व ईडी जांच की सिफारिश और पीएमएलए के तहत मुकदमे की अनुशंसा की गई है। यह पत्र बीते सप्ताह भेजा गया था।
इस मामले में मुख्य आरोप है कि
आरक्षित वन भूमि पर बिना अनुमति निर्माण किया गया।
इस निर्माण में बिना टेंडर करोड़ों की परियोजना निजी संस्था को सौंपी दी गई थी।आय का 70% हिस्सा निजी संस्था को ट्रांसफर किया गया। यहाँ
वन संरक्षण अधिनियम 1980 का उल्लंघन भी किया गया। इसके अलावा
फर्जी फायरलाइन बना दी गई और लंबाई भी बढ़ा दी गई, 14.6 किमी की जगह 90 किमी दिखाया गया है।
- उत्तराखण्ड और घोटालों का चोलीदामन का साथ लगातार बना हुआ है। अब उत्तराखंड वन विभाग में एक और बड़ा घोटाला आजकल फिर से चर्चाओं में है। इस घोटाले की जांच के लिए अब सीबीसीआईडी का सहारा लेने की बात हो रही है।





