10 लाख की रिश्वत लेने वाले जल निगम का चीफ इंजीनियर निलंबित
देहरादून।
10 लाख की रिश्वत अपनी पत्नी की कंपनी में लेने के आरोप में सीएम धामी ने जांच के उपरांत की पेयजल निगम का चीफ इंजीनियर निलंबित को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
अभियंता ने काम दिलाने के नाम पर ली थी 10 लाख की रिश्वत ली थी। राज्य सरकार का दावा है कि उनकी भ्र्ष्टाचार विरोधी नीति के चलते अब तक 200 से अधिक भ्रष्टाचारियों को जेल भेजा जा चुका है। मुख्यमंत्री द्वारा उत्तराखंड पेयजल निगम हल्द्वानी के प्रभारी मुख्य अभियंता को भी भृष्टाचार के मामले में निलंबित कर दिया गया है। शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच की पुष्टि होने के बाद यह कार्रवाई की गई है।
संजय कुमार, निवासी काशीपुर ने लिखित शिकायत में आरोप लगाया था कि वर्ष 2022 में सुजीत कुमार तत्कालीन अधीक्षण अभियंता निर्माण मंडल देहरादून ने उनकी फर्म को विभाग में काम दिलाने और पंजीकरण करवाने का आश्वासन दिया था। इसके बदले उन्होंने पाँच किस्तों में कुल ₹10 लाख रुपये, कथित रूप से श्री सुजीत कुमार के कहने पर ‘कुचु-पुचु इंटरप्राइजेज’ नामक फर्म के खाते में ट्रांसफर किए। जांच में यह सामने आया कि उस फर्म की पार्टनर स्वयं सुजीत कुमार की पत्नी हैं। शिकायत के साथ बैंक खातों से संबंधित दस्तावेज और स्टाम्प पेपर भी संलग्न किए गए थे।
मामला संज्ञान में आने के बाद विभाग की ओर से सुजीत कुमार को सफाई देने के लिए 15 दिनों का समय दिए जाने के बाद भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
जिसको गंभीरता से लेते हुए सीएम धामी के निर्देश पर कार्मिक एवं सतर्कता विभाग ने खुली जांच शुरू कर दी। जिसमें सभी आरोप सही पाए गए। उन पर लगे आरोप आचरण नियमों का स्पष्ट उल्लंघन माने गये है।





