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खुशखबरी: संविदा कार्मिकों के नियमितीकरण प्रक्रिया शासनस्तर पर गतिमान

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हजारों संविदा कर्मियों को लाभ मिलने की उम्मीद■

●कट ऑफ डेट का फंसा हुआ पेंच●

देहरादून॥ एचटीवी ब्यूरो

विभिन्न विभागों में संविदा पर कार्य कर रहे हजारों कर्मियों को नियमित किये जाने की प्रक्रिया शासनस्तर पर शुरू की गयी है। इस प्रक्रिया में उन संविदा कर्मियों को लाभ मिल सकता है जिन्हें विभागीय सेवा में काम करते हुए 10 वर्ष से अधिक समय हो गया है। हालांकि अभी कट ऑफ डेट के मामले पर अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है।
विगत माह अगस्त में हुई कैबिनेट बैठक में यदि कुछ कैबिनेट सदस्यों द्वारा प्रस्ताव पर असहमति व्यक्त नहीं की गयी होती तो शायद अब तक शासन स्तर पर इस पर कार्रवाई शुरू कर दी गयी होती। अगस्त की कैबिनेट बैठक में यह प्रस्ताव लाया गया था कि वर्ष-2018 तक 10 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले वाले संविदा कार्मिकों को नियमित सेवा में लिया जाय। इस प्रस्ताव पर कैबिनेट के कुछ सदस्य कट ऑफ डेट पर सहमत नहीं थे। वे चाहते थे कि वर्ष-2024 तक 10 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वालों को भी नियमित किया जाय।
बताया जा रहा है कि कतिपय कैबिनेट सदस्यों की असहमति पर इस प्रस्ताव को पुनः कार्मिक विभाग को वापस भेजा गया है। अपर सचिव कार्मिक का कहना है कि नियमावली में परीक्षण के लिए प्रस्ताव का परीक्षण किया जा रहा है। इस पर निर्णय लेकर इसे पुनः कैबिनेट में रखा जायेगा।
बताते चलें कि वर्ष-2011 में तत्कालीन सरकार द्वारा संविदा कार्मिकों के दस साल की सेवा पूर्ण करने पर नियमित करने की व्यवस्था की गयी थी। इसके बाद पुनः वर्ष-2013 में नयी नियमावली लायी गयी और इसमें यह व्यवस्था की गयी कि वर्ष-2011 में जो कार्मिक 10 साल की से

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वा उपरान्त भी नियमित होने से वंचित रह गये थे उन्हें इसका लाभ दिया जाय। बताया जा रहा है कि इसके बाद भी कई संविदा कर्मी 10 साल की संतोषजनक संविदा सेवा के बाद भी नियमित नहीं हो पाये। इसलिए सरकार द्वारा पुनः वर्ष-2016 में संशोधित नियमितीकरण नियमावली लायी गयी और इसमें संविदा कर्मी की न्यूनतम सेवा 10 वर्ष के स्थान पर 5 वर्ष की गयी। सूत्र बताते हैं कि इस संशोधित नियमावली पर उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगा दी गयी। अब इसी वर्ष फरवरी में उच्च न्यायालय द्वारा इस पर रोेक हटा दी गयी है।
ज्ञात हो कि वर्तमान में विभिन्न सरकारी विभागों, निगमों स्वायतशासी संस्थाओं व परिषदों में बड़ी संख्या में कार्मिक संविदा पर काम कर रहे हैं और कई संविदाकर्मी ऐसे भी हैं जिन्हें काम करते हुए डेढ दशक से भी अधिक समय हो गया है। ये संविदाकर्मी अपने नियमितीकरण के लिए समय-समय पर आन्दोलन भी कर रहे हैं। इनके नियमितीकरण के सम्बन्ध में सरकार द्वारा निर्णय लेने के बाद बताया जा रहा है कि 15 हजार से अधिक संविदा कार्मिकों को इसका लाभ मिल सकता है।

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