पंचायत प्रतिनिधि मायूस, नहीं बढ़ेगा कार्यकाल
देहरादून
प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत संगठनों की मांग पर पंचायतों का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जायेगा। पंचायती राज निदेशालय ने परीक्षण करते हुए इस आशय की रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। इधर पंचायत संगठनों ने अपनी मांग को लेकर 9 सितम्बर को विभागीय मन्त्री के सरकारी आवास का घेराव करने की चेतावनी दी है।
विभिन्न पंचायत संगठन जिसमें ग्राम पंचायत संगठन, क्षेत्र पंचायत संग
ठन व जिला पंचायत सदस्य संगठन शामिल हैं पिछले लम्बे समय से प्रदेश में पंचायतों का दो साल का कार्यकाल बढ़ाये जाने की मांग कर रहा है। इसके पीछे पंचायत संगठनों का तर्क है कि दो साल कोविड महामारी के कारण पंचायतों को कोई बजट नहीं मिला। इसके लिये इन पंचायत संगठनों की एक बैठक गत 31 जुलाई, 2024 को मुख्यमन्त्री पुष्कर सिंह धामी के साथ हुयी थी। इन संगठनों का आरोप है कि मुख्यमन्त्री ने इस बैठक में विभागीय मन्त्री सतपाल महाराज को एक माह के भितर परीक्षण कर दो साल का कार्यकाल बढ़ाये जाने के पक्ष में रिपोर्ट तैयार करने को कहा था। लेकिन अब जब रिपोर्ट सामने आयी है तो इसमें पंचायतों का कार्यकाल न बढ़ाये जाने की बात कही गयी है।
बताया जा रहा है कि मुख्यमन्त्री के निर्देश पर शासन द्वारा प्रदेश के महाअधिवक्ता एस0एन0 बाबुलकर से सुझाव मांगा था। इस पर महाअधिवक्ता ने अपनी रिपोर्ट में संविधान के अनुच्छेद-243 का हवाला देते हुए कहा कि पंचायतों का कार्यकाल पांच साल के लिए है और इसे अधिक समय तक नहीं बढ़ाया जा सकता।
इधर, विभागीय सचिव चन्द्रेश कुमार यादव ने भी कहा है कि त्रिस्तरीय पंचायतों में परिसीमन की तैयारियाँ पूरी कर दी गयी हैं। उन्होंने बताया है कि प्रदेश में 50 नयी ग्राम पंचायतों का गठन किया गया है। 13 पुरानी ग्रामसभाओं का पुनर्गठन किया गया है और 37 नयी ग्रामसभाएं अस्तित्व मंे आयी हैं।
प्रदेश के पंचायती राज निदेशालय की परीक्षण रिपोर्ट और विभागीय पंचायती राज मन्त्री सतपाल महाराज के बयानों से त्रिस्तरीय पंचायत संगठन नाराज हैं। संगठन ने 9 सितम्बर को मन्त्री के सरकारी आवास के घेराव की चेतावनी दी है। त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के प्रदेश संयोजक जगत मार्तोलिया, ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भास्कर सम्मल, क्षेत्र प्रमुख संगठन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ0 दर्शन सिंह दानू और जिला पंचायत सदस्य संगठन की प्रदेश अध्यक्ष सोना सजवाण ने कहा है कि उनकी दो साल के कार्यकाल बढ़ाये जाने की मांग पूरी होने तक आन्दोलन जारी रहेगा।