गौरीकुण्ड-केदारनाथ पैदलमार्ग पर घोड़ा-खच्चरों की आवाजाही शुरू
■धाम में निर्माण कार्यों में आयेगी तेजी■
रूद्रप्रयाग।
केदारनाथ मार्ग पर घोड़ा-खच्चरों के संचालन से निर्माण कार्यों में तेजी आने और यात्रा के सुचारु ढंग से संचालित होने की उम्मीद है। विगत 31 जुलाई की अतिवृष्टि व भूस्खलन के बाद केदारनाथ पैदल मार्ग पर घोड़ा-खच्चरों के साथ ही यात्रियों की पैदल आवाजाही कठिन हो गयी थी। इधर, रूद्रप्रयाग जिला प्रशासन द्वारा इस पैदल मार्ग के चौड़ीकरण और सुधारीकरण हेतु 21 करोड़ से भी अधिक के विभिन्न प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजे जा रहे हैं।
गौरीकुण्ड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर पिछले लगभग एक माह से अधिक समय से अतिवृष्टि और भूस्खलन के कारण घोड़ा-खच्चरों की आवाजाही ठप्प हो गयी थी। इससे केदारनाथ में चल रहे दूसरे चरण के पुनर्निमाण कार्य प्रभावित हो गये थे। केदारनाथ धाम में वर्तमान में कई पुनर्निमाण के कार्य प्रगति पर हैं जिनमें हक-हकूक धारियों के आवासीय भवन, बीकेटीसी भवन, यात्रा कमाण्ड एवं कन्ट्रोल सेन्टर, सरस्वती नदी पर पुल, अस्पताल आदि शामिल हैं। निर्माण सामाग्री न पहुँच पाने के कारण यहाँ कार्य प्रभावित हो गया था। इन निर्माण कार्यों में यहाँ 250 से अधिक मजदूर लगे हैं। अब घोड़ा-खच्चरों से निर्माण सामाग्री धाम में पहुँचने लगी है। उम्मीद कि अब यहाँ निर्माण कार्यों में तेजी देखने को मिलेगी। शासन द्वारा इन निर्माण कार्यों को समयबद्ध ढंग से पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
इधर, इस पैदल मार्ग पर भूस्खलन व भू-धंसाव जोन के स्थाई ट्रीटमेंट किया जाना है और मार्ग का चौड़ीकरण भी किया जाना है। इसके लिये रूद्रप्रयाग जिला प्रशासन द्वारा लोक निर्माण विभाग से 21 करोड़ से भी अधिक लागत के 29 प्रस्ताव तैयार कराये गये हैं। अतिवृष्टि से गौरीकुण्ड-केदारनाथ 16 किमी0 लम्बा पैदल मार्ग 16 स्थानों पर ध्वस्त व 29 स्थानों पर प्रभावित हुआ था। लोक निर्माण विभाग द्वारा इस पैदल मार्ग को पैदल आवाजाही के साथ ही घोड़ा-खच्चरोें के संचालन के लिए तैयार कर दिया गया है।
लो0नि0वि0 गुप्ताकाशी के अधिशासी अभियन्ता विनय झिंक्वाण ने बताया कि गौरीकुण्ड-केदारनाथ पैदलमार्ग पर रामबाड़ा में मंदाकिनी नदी पर बैलीब्रिज बनाया जायेगा। इसके लिए प्रारम्भिक सर्वेक्षण कार्य पूर्ण हो गया है। उन्होंने बताया कि पैदल मार्ग चौड़ीकरण एवं सुधारीकरण के प्रस्ताव जिला कार्यालय के माध्यम से शीघ्र शासन को भेजे जा रहे हैं।