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आरपार का ऐलान: मूल निवास-भू कानून हेतु गैरसैंण में महारैली

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विमल नेगी

■प्रख्यात लोककवि व गायक नेगी ने की है अपील■

●क्या इस बार सरकार चेतेगी..? निकल पाएगा कोई हल..?●

उत्तराखण्ड मूल निवास-भू कानून समन्वय संघर्ष समिति एक बार फिर सितम्बर माह में, प्रदेश की तथाकथित ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में एक महारैली का आयोजन की बात कही है। इस रैली में अधिकाधिक संख्या में शामिल होने के लिए एक बार फिर प्रसिद्ध लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी ने लोगों से अपील की है।
मूल निवास-भू कानून समन्वय संघर्ष समिति उत्तराखण्ड ने ऐसे समय एक बार फिर इस महारैली के आयोजन कर रही है वो भी तब जब लगभग एक सप्ताह पूर्व गैरसैंण में तीन दिवसीय विधानसभा सत्र सम्पन्न हुआ है जो कुल 18 घंटे 9 मिनट ही चल पाया था। गैरसैंण में यह विधानसभा सत्र भले ही अल्प अवधि का रहा हो लेकिन कई कारणों से यह सत्र पूरे प्रदेश में बेहद चर्चित रहा है। इस बात को ध्यान में रखते हुए गैरसैंण में मूल निवास और भू-कानून को लेकर हो रही यह महारैली काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी ने 1 सितम्बर को आहूत इस महारैली में शामिल होने के लिए उत्तरखण्डी मूल निवासियों से जोरदार अपील की है। उनका एक वीडियो भी इस सम्बन्ध में काफी वायरल और चर्चित हो रहा है। इस वीडियों में उन्होंने उक्त रैली में शामिल होने की अपील करते हुए कहा है कि मूल निवास और सशक्त भू-कानून न होने के कारण बाहरी प्रदशों के 40 लाख से अधिक लोग यहां उत्तराखण्ड में आकर स्थाई रूप से बस गये हैं जिससे हमारी नयी पीढी का रोजगार, व्यवसाय और भविष्य प्रभावित हो रहा है। उन्होेंने प्रदेश के मूल निवासियों से इस मूल निवास और भू-कानून की इस लड़ाई को लक्ष्य तक पहुंचाने की अपील की है।
गौरतलब है कि इसी मूल निवास और भू-कानून के मुद्दे को लेकर उक्त संघर्ष समिति द्वारा गत वर्ष 24 दिसम्बर, 2023 को भी एक महारैली का आयोजन देहरादून में किया था। इस महारैली में पहुंचने के लिए भी लोकगायक श्री नेगी ने उत्तराखण्डी लोगों से अपील की थी। इस रैली के बाद सरकार कुछ हरक़त में आई और मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अब प्रदेश में भूमि रजिस्ट्री से पहले मूल निवास की सत्यता प्रमाणित करनी होगी,साथ ही पूर्व से मूल निवास धारकों को स्थाई निवास बनाने के लिए बाध्यता नहीं होगी पर ये सब हवा हवाई ही साबित हुए, इस मामले में कोई सरकारी आदेश अभी तक भी जारी नही हो पाये। माना जा रहा है कि लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी की अपील पर ही 24 जनवरी, 2024 की महारैली को अभूतपूर्व सफलता मिली थी और इसमें रिकार्ड भीड़ शामिल हुई थी। प्रदेश सरकार ने इस महारैली की सफलता को देखते हुए ही उस समय इस मुद्दे पर एक समिति का

विमल नेगी वरिष्ठ पत्रकार

गठन किया था। लेकिन कई महीने गुजरने के बाद भी न ही समिति की कोई रिपोर्ट सामने आयी है और नही सरकार की ओर से इस सम्बन्ध में कोई कार्रवाई की गयी है। उस समय सरकार की ओर से एक सर्कुलर जारी कर लोगों को केवल इतना आश्वस्त किया गया था कि जिनके पास मूल निवास है उन्हें स्थाई निवास बनाने की कोई आवश्यकता नहीं है और स्थाई निवास के स्थान पर मूल निवास ही मान्य होगा। इस मुद्दे पर आंदोलनकारियों की मांग है कि प्रदेश में एक सशक्त भू-कानून बनाया जाय और वर्ष-1950 से उत्तराखण्ड में निवास करने वाले लोगों को मूल निवास प्रमाण पत्र जारी किये जांय तथा उत्तराखण्ड में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों व अन्य सुविधाओं में स्थाई निवास की जगह मूल निवास ही मान्य हो।

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