चारधाम यात्रा की कमान लगभग केंद्र के हाथ में, गृह मंत्रालय करेगा निगरानी
■एनडीआरएफ व आईटीबीपी उतरेगी अब मैदान में ,भीड़ को करेगी नियंत्रित■
●हर रोज केंद्र को प्रेषित करनी होगी रिपोर्ट●
देहरादून।
आसन्न चारधाम यात्रा में लगातार क्राउड ब्रस्ट और राज्य सरकार की लगातार नाकामियों को देखते हुए अब भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने उत्तराखंड की चारधाम की बागडोर लगभग अपने हाथों में ले ली है। केंद्रीय गृह मत्रालय अब चारधाम यात्रा पर अपनी निगाह रखेगा। इसके साथ ही भीड को नियंत्रित करने के लिए उत्तराखंड में एनडीआरएफ और आईटीबीपी के जवानों को मैदान में उतारा जाएगा जो कि अपने कुशल नेतृत्व के दम पर भीड को नियंत्रित करने का कार्य बखूबी निभाएंगे।
भारत के गृह मंत्रालय ने प्रदेश के मुख्य सचिव राधा रतूडी को यह भी निर्देशित किया है कि या़त्रा प्रबंधन की रणनीति बनाने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाए। केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और प्रदेश के मुख्य सचिव की बैठक में गृह मत्रांलय ने इस बात पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि राज्य सरकार चारधाम यात्रा को सही ठंग से रेगुलेट नहीं कर पाई है। राज्य सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी करीब 14 दिन में क्राउड मैनेजमेंट नहीं संभल पाया। जिससे सभी धामों में अफरा- तफरी का माहौल बना रहा। ऐसी भी खबरें हैं कि कई हजार तीर्थया़त्री अपनी यात्रा को बीच में ही छोडकर अपने गृह राज्यों को वापस लौट गए है। इतना ही नहीं तीर्थ यात्रियों द्वारा राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की गई थी। इस बार की चारधाम यात्रा पर लोकसभा चुनाव भी भारी पड गए।
अधिकारियों, नेताओं और मंत्रियों के चुनाव में व्यस्त रहने के कारण भी यात्रा मैनेजमेंट पर असर पड़ा। राज्य सरकार को इस बात का अंदाज नहीं था कि यात्रा के शुरूआती दिनों में क्राउड ब्रस्ट जैसी स्थिति पैदा हो जाएगी। राज्य सरकार प्रतिवर्ष होने वाली यात्रा की तैयारि
यों को महज कुछ बैठकों को कर रही खानापूर्ति करती रही है, लेकिन लगातार बढती तीर्थयात्रियों की संख्या के लिए सरकार नए नियम व कारगर कदम नहीं उठा पाई।इस समय हालत इतने बिगड गए कि यात्रियों को जगह- जगह रोकना पडा। ऐसे में यह स्थिति रही कि उन्हें खाने पीने के लिए मोहताज होना पडा था। अब भारत सरकार के गृहमंत्रालय ने यात्रा पर निगाह रखना शुरू कर दिया है। राज्य के मुख्यसचिव अब प्रतिदिन दिल्ली को रिपोर्ट करेंगे। अब देखना होगा कि दिल्ली के हस्तक्षेप के बाद यात्रा सुगम होगी या हालात ऐसे ही बने रहेंगे।