मन्थर गति से हो रहा बांघाट पुल का पुनर्निर्माण कार्य
■इसी गति से चलता रहा तो बरसात से पूर्व पुल पर आवाजाही संभव नहीं
■पुल का फर्स तो खोल दिया गया लेकिन नई फर्स डालने का कार्य है रुका हुआ
बांघाट से अजय रावत अजेय
पौड़ी-कांसखेत-सतपुली प्रांतीय राजमार्ग-32 पर बांघाट में नयार नदी पर स्थित पुल के जीर्ण शीर्ण होने के बाद इस हेतु जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ आशीष चौहान ने जिला खनिज न्यास से करीब 2 करोड़ रुपये लोनिवि के प्रांतीय खण्ड पौड़ी को हस्तांतरित किये। इस बजट से न केवल पुल की फर्स बदली जानी है बल्कि इसका क्षमता विस्तार भी किया जाना है।
लोनिवि के प्रांतीय खण्ड पौड़ी द्वारा करीब 2 माह पूर्व इसका टेंडर जारी कर दिया गया था। गत माह ठेकेदार द्वारा कार्य शुरू करने के बाद इस पुल को पैदल आवाजाही के लिए भी बंद कर दिया गया। पुल का कार्य पूर्ण होने तक चमोली सैण से बिलखेत तक नदी के रास्ते डायवर्सन का निर्माण भी कर दिया गया। फ़िलहाल इसी रास्ते से सतपुली से देवप्रयाग व पौडी तक आवाजाही हो रही है। किंतु नदी के रास्ते मई तक ही आवाजाही हो सकती है, उसके बाद नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी होने के बाद यह सम्भव नहीं है।
बांघाट कस्बे के व्यापारी कुलदीप गुसाईं, अरुण काला व प्रकाश काला एवम सीला के पूर्व ग्राम पंचायत प्रधान महेंद्र काला आदि का कहना है कि रूट डाइवर्ट होने के चलते बांघाट कस्बे के व्यापारियों का कारोबार ठहर गया है किंतु इससे बड़ा मसला यह है कि क्या लोनिवि का प्रोविंशियल डिवीजन पौड़ी बरसात से पहले इस कार्य को पूर्ण भी कर पायेगा अथवा नहीं। यदि मई तक पुल को तैयार कर यातायात के लिए न खोला जा सके तो बरसात के दिनों में पूरी घाटी क्षेत्र का जनजीवन पूरी तरह ठप्प हो जाएगा। नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद वैकल्पिक डाइवरजन रोड भी जलमग्न होकर डूब जाएगा, नतीजतन स्टेट हाइवे 32 के साथ सतपुली- देवप्रयाग सड़क पूरी तरह बंद हो जाएगी। वहीं हंस अस्पताल आने वाले पौड़ी जनपद के कोट व कल्जीखाल विकास खण्डों के साथ देवप्रयाग व टेहरी जनपद के मरीजों के लिए अस्पताल आने के रास्ते बंद हो जाएंगे। दूसरी ओर द्वारीखाल क्षेत्र सीला, बड़ेल, चमोली व कंदरोड़ा क्षेत्र की रोजमर्रा की जिंदगी ठहर जाएगी।
क्षेत्र के ग्रामीणों ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से अतिशीघ्र इस पुल की मरम्मत के कार्य को पूर्ण करने की मांग की है, उन्होंने जिलाधिकारी गढ़वाल से भी गुजारिश करते हुए कहा है कि डीएम के व्यक्तिगत प्रयासों से हो रहे इस पुनर्निर्माण कार्य को लेकर वह विभाग को सख्त निर्देश दें।