कोतवाली व थानों के प्रभारी तैनाती में मनमर्ज़ी नहीं कर सकेंगे कप्तान
■जुगाड़बाज दरोगाओं पर कसी नकैल
■अब अनुभव ही होगा तैनाती का पैमाना
देहरादून : उत्तराखंड में डीजीपी अभिनव कुमार के आदेश से अब जिलों के पुलिस कप्तान अपनी मर्जी और सिफारिशों से अधिकारियों को कोतवाली में तैनात नहीं कर सकेंगे। सूबे के प्रभारी पुलिस महानिदेशक ने इन बारे में आदेश जारी कर दिये है कि थ्री स्टार वाले इंस्पेक्टर ही कोतवाली पर तैनात किये जायेंगे। अभी तक लंबे समय से इंस्पेक्टर कोतवाली के बज़ाय दूसरे पुलिस कार्यों में लगाये जाते थे। जिलों के पुलिस कप्तान अपनी मर्जी से टू स्टार को कोतवाली थाना नही दे पाएंगे।
पुलिस महकमे में DGP के इन आदेश का स्वागत किया जा रहा है,अब जुगाड़ से दरोगा अपने आप को कोतवालीयों में तैनात नहीं करवा सकेंगे।
थाना प्रभारियों की नियुक्ति में अब एसएसपी और एसपी अपनी मनमर्जी नहीं कर सकेंगे। उनकी नियुक्ति वरिष्ठता और अनुभव के आधार पर होगी। डीजीपी ने सभी एसएसपी और एसपी को इसके निर्देश जारी किए हैं। कहा कि थाना प्रभारियों की नियुक्तियों में वरिष्ठता के साथ ही पुलिस अधिनियम में उल्लेखित प्रावधानों का पालन करें।
अभी तक जिले के एसएसपी और एसपी अपनी पसंद के निरीक्षकों और उपनिरीक्षकों को थाना प्रभारी का दायित्व सौंपते हैं। चाहे वह कम अनुभवी हो और उससे वरिष्ठ इंस्पेक्टर जिले में तैनात हों। लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा। जिलों के प्रभारियों को थाना प्रभारियों की नियुक्ति में न केवल वरिष्ठता का ध्यान रखना होगा बल्कि अनुभव को भी देखा जाएगा। कई जिलों में वरिष्ठता और अनुभव के विपरीत कम अनुभवी और कनिष्ठ निरीक्षकों और दरोगाओं को थाना प्रभारियों की सौंपे जाने की शिकायत के बाद डीजीजी अभिनव कुमार ने नए निर्देश जारी किए हैं। डीजीपी के इस आदेश से जिले के साथ ही प्रदेश में कई थानेदारों की मलाईदार कुर्सियां खाली हो सकती है।