अवैध भांग की खेती नष्ट करने में नाकाम रहा गढ़वाल प्रशासन व पुलिस
बीते दो माह पूर्व जब गढ़वाल जनपद के प्रशासन व पुलिस द्वारा जिले में अवैध रूप से उगाई जा रही भांग को नष्ट करने का अभियान चलाया तो लगा कि जनपद गढ़वाल अब इलीगल हैम्प फार्मिंग से उत्पादित होने वाले चरस व गांजे से मुक्त हो जाएगा, लेकिन जिस तरह से बीते एक माह में जिले के सीमान्त क्षेत्र से कुमाऊं की तरफ ले जाया जा रहा गांजा व चरस बरामद किया गया , उससे पुलिस प्रशासन की इस मुहिम की पोल खुल गयी।
यहां यह तथ्य ध्यान देने योग्य है कि गढ़वाल जनपद को कुमाऊं के रामनगर-काशीपुर से जोड़ने वाला नेशनल हाई वे संख्या 309(121) गांजा-चरस जैसे ड्रग पैडलर के लिए सबसे मुफीद हाई वे बन चुका है। बीते एक माह में पुलिस द्वारा पकड़ी गई गाँजे की बड़ी खेफ व आज चरस बरामद किए जाने से इसकी तस्दीक हो रही है।
कुछ पखवाड़े पूर्व जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान व कप्तान श्वेता चौबे ने जिले में जगह जगह असंगठित रूप से हो रही अवैध हैम्प फार्मिंग को नष्ट करने का अभियान चलाया था, जिसके तहत बड़ी मात्रा में ऐसी अवैध खेती को नष्ट भी किया।
लेकिन लगातार ड्रग पैडलर से हैम्प प्रोडक्ट के बरामद होने से प्रतीत होता है कि शायद यह अभियान मुख्यालय पौड़ी के निकटवर्ती इलाकों तक ही सीमित रह गया, जबकि ऐसी अवैध खेती का असली गढ़ गढ़वाल जिले का राठ व कुमाऊं से लगा क्षेत्र है, शायद उस इलाके में पुलिस-प्रशासन इस मोर्चे पर ईमानदारी से कार्य नहीं कर पाया, नतीजा सामने है इस क्षेत्र से लगातार चरस गांजा सप्लाई हो रहा है। तहसील व थाना थलीसैण व धुमाकोट को टाइट करना वक़्त की जरूरत है।